एमएसपी पर क़ानून बने, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो: भाजपा सांसद वरुण गांधी

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने का निर्णय पहले ही ले लिया जाता तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती. गांधी ने आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने की भी मांग की है.

प्रधानमंत्री मोदी ने तीन विवादित कृषि क़ानून रद्द किए, एमएसपी पर बनेगी समिति

गुरुनानक जयंती पर राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा, 'मैं देश से माफ़ी मांगता हूं क्योंकि लगता है कि हमारे प्रयासों में कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण हम कुछ किसानों को सच्चाई समझा नहीं सके.'

नरेंद्र मोदी ने कृषि क़ानून वापस ले लिए, पर भाजपा किसान विरोधी बयान कब वापस लेगी?

जब से किसानों ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन शुरू किया था, तब ही से भाजपा नेताओं से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक ने किसानों को धमकाने और उन्हें आतंकी, खालिस्तानी, नक्सली, आंदोलनजीवी, उपद्रवी जैसे संबोधन देकर उन्हें बदनाम करने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी थी.

सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर सीमाएं भारतीय जनतंत्र की यात्रा के मील के पत्थर हैं

किसान आंदोलन इसका जीवित प्रमाण है कि यदि लक्ष्य की स्पष्टता हो तो विचार भिन्नता के बावजूद संयुक्त संघर्ष किया जा सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक लंबे अरसे बाद संयुक्त संघर्ष की नीति को व्यावहारिकता में साबित करके दिखाया है.

कृषि क़ानून निरस्त होने पर लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों ने कहा- आधी लड़ाई जीते, इंसाफ़ बाक़ी

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान जान गंवाने वाले किसानों और पत्रकार रमन कश्यप के परिवार ने कृषि क़ानून निरस्त हो जाने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.

कृषि क़ानून पर बनी सुप्रीम कोर्ट की समिति के सदस्य ने कहा- मोदी सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं

शेतकारी संगठन के अध्यक्ष और विवादित कृषि क़ानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के एक सदस्य अनिल जे. घानवत ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाया गया सबसे प्रतिगामी क़दम है, क्योंकि उन्होंने किसानों की बेहतरी के बजाय राजनीति को चुना. समिति सदस्यों ने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनके द्वारा मार्च में सौंपी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करता है तो वे कर देंगे.

चित्रकथा: ऐतिहासिक किसान आंदोलन की चुनिंदा तस्वीरें, जिन्होंने सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया

मोदी सरकार इतनी आसानी से किसानों के आगे नहीं झुकी है. किसानों द्वारा एक साल से देश के विभिन्न हिस्सों में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किए गए लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद आख़िरकार सरकार को इन्हें वापस लेने का निर्णय लेना ही पड़ा.

आगामी चुनावों के मद्देनज़र वापस लिए गए कृषि क़ानून: समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि क़ानून वापस लिए जाने के निर्णय को वोट के लिए लिया गया फ़ैसला बताया और कहा कि सैकड़ों किसानों की मौत के आगे झूठ की माफ़ी नहीं चलेगी.

कृषि क़ानून वापस लिए जाने को विपक्ष ने ‘सरकार का अहंकार टूटना’ बताया, कहा- किसानों की जीत

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का विभिन्न किसान नेताओं और राजनीतिक नेताओं ने स्वागत किया है. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में क़ानून को निरस्त होने के बाद ही वे आंदोलन वापस लेंगे. वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करते हुए पूछा कि क़ानूनों के चलते सैकड़ों लोगों की जान जाने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा.

किसान आंदोलन: 29 नवंबर से ट्रैक्टरों पर सवार 500 किसान रोज़ संसद तक मार्च निकालेंगे

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के एक साल पूरे होने के अवसर पर 26 नवंबर और इसके बाद देशभर में आंदोलन को व्यापक रूप से धार दी जाएगी. 29 नवंबर से इस संसद सत्र के अंत तक 500 चुनिंदा किसान शांतिपूर्वक और पूरे अनुशासन के साथ ट्रैक्टर से हर दिन संसद तक जाएंगे.

दिल्ली में नेता कुत्ते की मौत पर भी दुखी होते हैं, लेकिन किसानों की मौत की परवाह नहीं: मलिक

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना की भी आलोचना यह कहते हुए कि एक नए संसद भवन के बजाय एक विश्व स्तरीय कॉलेज बनाना बेहतर होगा. उन्होंने यह भी कहा कि वे किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए अपने पद से हटने को तैयार हैं.

कपास की फसल में लगे कीड़ों ने पंजाब और हरियाणा के किसानों को बर्बाद कर दिया है

कपास की फसल गुलाबी सुंडी के हमले के चलते ख़राब होने के बाद पंजाब के कई किसानों द्वारा ख़ुदकुशी के मामले सामने आए हैं. किसानों का कहना है कि सरकार फसलों को हुए नुकसान का प्रारंभिक सर्वे करने में भी देरी कर रही है.

किसान आंदोलन में मारे गए किसानों में से ज़्यादातर के पास तीन एकड़ से कम भूमि थी: रिपोर्ट

पटियाला के पंजाबी यूनिवर्सिटी से जुड़े दो अर्थशास्त्रियों द्वारा किया गया ये अध्ययन उन दावों को खारिज करता है कि किसान आंदोलन में ज्यादातर ‘बड़े किसान’ ही हैं. ये अध्ययन पिछले 11 महीनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लगभग 600 में से 460 किसानों के आंकड़ों पर आधारित है. 

कृषि क़ानूनों को 26 नवंबर तक रद्द करें, नहीं तो दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन तेज़ किया जाएगा: टिकैत

केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे 26 नवंबर को एक साल पूरा हो जाएगा. इन प्रदर्शनों की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है, जिसमें किसानों के कई संघ शामिल हैं. राकेश टिकैत की अगुवाई वाली भारतीय किसान यूनियन भी इसमें शामिल है. उसके समर्थक दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर ग़ाज़ीपुर में धरना दे रहे हैं.

टिकरी बॉर्डर: महिला किसानों की ट्रक दुर्घटना के चश्मदीदों ने लगाया साज़िश का आरोप

वीडियो: बीते गुरुवार को टिकरी बॉर्डर से अपने घर वापस जा रही तीन प्रदर्शनकारी किसान महिलाओं को एक तेज़ रफ़्तार ट्रक ने कुचल दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. घटना की चश्मदीद महिलाओं का आरोप है कि मृतकों पर साज़िशन ट्रक चढ़ाया गया. मामले में जांच जारी है और ट्रक ड्राइवर और मालिक को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

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