विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, कुल 146 देशों के सूचकांक में सिर्फ 11 देश ही भारत से नीचे हैं. अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, कांगो, ईरान और चाड सूची में सबसे निचले पायदान वाले पांच देशों में शामिल हैं. हालांकि स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा सूचकांक में भारत का स्थान 146वां है.
संयुक्त राष्ट्र महिला एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के नए आकलन में कहा गया कि कोविड-19 संकट 2021 तक 9.6 करोड़ लोगों को अत्यंत ग़रीबी की ओर धकेल देगा, जिनमें से 4.7 करोड़ महिलाएं और लड़कियां होंगी. यह संकट बेहद ग़रीबी में रहने वाली कुल महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर 43.5 करोड़ कर देगा.
महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने के लिये अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जारी किए गए अध्ययन के अनुसार भारत में बड़ी संख्या में दहेज हत्या के मामले सामने आते हैं. दुनिया भर में हर घंटे करीब छह महिलाएं परिचित के हाथों मारी जाती हैं