ब्रिटिश मानवविज्ञानी के निर्वासन पर केंद्र ने कहा- जाति और धर्म पर शोध संवेदनशील मुद्दा

पिछले साल 23 मार्च को ब्रिटेन के मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को तिरुवनंतपुरम में एक सम्मेलन में भाग लेना था, हालांकि बिना कोई स्पष्ट कारण बताए हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया था. केंद्र सरकार के निर्वासन आदेश को उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा- डिपोर्ट किए गए ब्रिटिश मानवविज्ञानी को ब्लैकलिस्ट करने की वजहें थीं

मार्च महीने में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में मानव विज्ञान और दक्षिण एशियाई अध्ययन के प्रोफेसर और प्रसिद्ध मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को बिना कोई कारण बताए भारत में प्रवेश देने से इनकार करते हुए डिपोर्ट कर दिया गया था. उन्होंने इसके ख़िलाफ़ अदालत का रुख़ किया है.

ब्रिटिश मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला के बाद वास्तुकार लिंडसे ब्रेमर को भारत आने से रोका गया

ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में आर्किटेक्चर की प्रोफेसर और शोध निदेशक लिंडसे ब्रेमर आईआईटी मद्रास और उनके विश्वविद्यालय के बीच एक अनुबंध के तहत बीते 17 जुलाई को भारत आई थीं, लेकिन चेन्नई हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें बिना कोई वैध कारण बताए वापस लंदन भेज दिया. बीते मार्च में प्रसिद्ध ब्रिटिश मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को भी भारत आने से रोक दिया गया था.

ब्रिटिश मानवविज्ञानी को बिना कारण बताए केरल हवाई अड्डे से उनके देश वापस भेजा गया

प्रसिद्ध मानवविज्ञानी और समाजशास्त्री फिलिपो ओसेला ने पिछले तीस वर्षों में केरल में सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों पर व्यापक शोध किया है. वे गुरुवार को ब्रिटेन से तिरुवनंतपुरम एक सम्मेलन में भाग लेने आए थे, लेकिन बिना कोई स्पष्ट कारण बताए ही उन्हें हवाई अड्डे से उनके देश वापस भेज दिया गया.