सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत आर्थिक मदद की एक निश्चित राशि तय करने का निर्देश केंद्र को नहीं दे सकती लेकिन सरकार कोविड-19 से मारे गए लोगों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद की राशि का न्यूनतम मानदंड हर पहलू को ध्यान में रखते हुए निर्धारित कर सकती है. इससे पहले वायरस से जान गंवा चुके लोगों के परिवार को चार-चार लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मांग पर केंद्र ने असमर्थता जताई थी.
26 नवंबर, 2008 को आतंकवादियों द्वारा मुंबई के कई स्थानों पर किए गए हमले के समय याचिकाकर्ता देविका रोतावन नौ साल की थीं. उस दिन वह अपने पिता और भाई के साथ मुंबई सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर थीं, जब आतंकियों द्वारा चलाई गोली उन्हें लग गई थी.