राजेंद्र त्रिवेदी के 16 सितंबर को इस्तीफ़ा देने और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाले नए राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद ख़ाली हो गया था. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस पद के लिए आचार्य के नामांकन को समर्थ दिया था, जिसके बाद उन्हें निर्विरोध नया अध्यक्ष चुना गया.