सरकार जीएम बीजों के उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है. लेकिन इन बीजों का दीर्घकालिक उपयोग किसानों को और अधिक निर्भर बना सकता है.
गैर-सरकारी संस्था सीएसई ने भारतीय बाज़ारों में उपलब्ध कुछ खाद्य पदार्थों का परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि 32% खाद्य पदार्थ जेनेटिकली मॉडिफाइड यानी जीएम पॉजिटिव हैं, जिन्हें सरकारी मंज़ूरी के बिना नहीं बेचा जा सकता.