भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.

रिज़र्व बैंक ने रेपो दर 0.4 प्रतिशत बढ़ाई, आवास और वाहन से जुड़ी ईएमआई बढ़ेगी

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन और खाद्य वस्तुओं के दाम में तेज़ी तथा कोविड-19 महामारी से जुड़ी आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने आरबीआई के 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. लगभग दो वर्षों में रिज़र्व बैंक की प्रमुख उधार दरों में यह पहला बदलाव है. आरबीआई ने पिछली बार 22 मई, 2020 को अपनी नीतिगत रेपो दर को संशोधित किया था.

महंगाई को काबू में लाने के लिए नीतिगत दर बढ़ाना ‘राष्ट्र विरोधी क़दम’ नहीं: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने स्वीकार किया जब प्रमुख ब्याज दर यानी नीतिगत दर बढ़ानी पड़ती है, कोई भी खुश नहीं होता. उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों को यह समझने के लिए कहा कि यह उपाय कोई ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं’, जो विदेशी निवेशकों को लाभांवित करेगा, बल्कि एक निवेश है, ‘जिसका सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय नागरिक है’.

विदेशी मुद्रा भंडार में 12 अरब डॉलर की कमी आई: रिजर्व बैंक आंकड़े

पिछले छह महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई पहली गिरावट है. इससे पहले 20 सितंबर, 2019 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई थी.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 25 अरब डॉलर से अधिक की कमी: रिज़र्व बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, बीते चार माह में विदेशी मुद्रा भंडार में क़रीब 1 लाख 80 हज़ार करोड़ रुपये की कमी आई है. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने के चलते केंद्रीय बैंक ने रुपये को मजबूती प्रदान करने के लिए डॉलर की बिकवाली की है.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा

विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है.