साल 2018 में गिरफ़्तार किए गए एक कथित बांग्लादेशी नागरिक और उनकी बेटी को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे नागरिकों के बरी या रिहा होने के बाद भी प्रशासन द्वारा उचित ट्रिब्यूनल के सामने ऐसे लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
कर्नाटक के गृह मंत्री ने इसे हिरासत केंद्र कहने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि इसे इसलिए तैयार किया गया है ताकि देश में वीज़ा अवधि से ज़्यादा वक़्त से रह रहे और मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त अफ्रीकी नागरिकों को रखा जा सके.