नागरिकता अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सीएए-एनआरसी पर क्या असर होगा

वीडियो: बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता अधिनियम,1955 की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता बरक़रार रखी. यह धारा असम में आने वाले अप्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने की कट-ऑफ तय करने से जुड़ी है. इसके प्रभावों को लेकर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

असमः हाईकोर्ट ने पहले ‘भारतीय’ फिर ‘विदेशी’ घोषित महिला की रिहाई का आदेश दिया

दरांग ज़िले की 55 वर्षीय महिला को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने साल 2016 में भारतीय बताया था लेकिन 2021 में उन्हें इसी ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया. इसके बाद से वे 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल में बने डिटेंशन केंद्र में बंद हैं. कोर्ट ने 2021 के निर्णय को ख़ारिज करते हुए कहा कि दोनों फ़ैसलों में याचिकाकर्ता की पहचान समान है और एक ही व्यक्ति के संबंध में दूसरी राय क़ायम नहीं रखी जा सकती.

हिमंता बिस्वा शर्मा के बयान पर आसू ने कहा- असम समझौते के खंड 6 से कोई समझौता नहीं होगा

असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार को असम समझौते के खंड 6 को लेकर बनी केंद्रीय समिति की रिपोर्ट को लेकर कहा था कि सरकार इस समिति की सिफ़ारिशें लागू नहीं कर सकती क्योंकि वे क़ानूनी वास्तविकता से परे हैं. आसू ने इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

असम समझौते के खंड छह संबंधी सिफ़ारिशें वास्तविकता से परे, लागू नहीं कर सकते: हिमंता बिस्वा शर्मा

सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों को शांत करने के लिए दिसंबर 2019 में खंड 6 के त्वरित कार्यान्वयन का वादा किया था. इसके बाद फरवरी 2020 में केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल ने अपनी सिफ़ारिशें केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थीं.

कोविड-19: एमनेस्टी इंडिया की असम सरकार से अपील, डिटेंशन सेंटर के बंदियों को रिहा करें

कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने 700 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है. इस कदम का स्वागत करते हुए एमेनस्टी इंडिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हिरासत केंद्रों में विदेशी घोषित किए गए और संदिग्ध नागरिकों को भी तत्काल रिहा किया जाए.

असम एनआरसी की सूची में ‘अयोग्य’ लोग शामिल, उनकी पहचान करें अधिकारी: एनआरसी संयोजक

असम एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के लगभग छह महीने बीतने के बाद राज्य के एनआरसी संयोजक हितेश देव शर्मा ने राज्य के सभी 33 ज़िलों के अधिकारियों से इस लिस्ट में शामिल हो गए 'अयोग्य' लोगों के नामों की जांचकर इसकी जानकारी देने को कहा है.

असम: आधिकारिक वेबसाइट से एनआरसी डेटा गायब, गृह मंत्रालय ने कहा- तकनीकी समस्या है

एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर डेटा सेव करने के लिए आईटी कंपनी विप्रो ने क्लाउड सेवा मुहैया कराई थी, जिससे अनुबंध का नवीनीकरण न हो पाने के चलते एनआरसी का डेटा ऑफलाइन हो गया है.

जिन बच्चों के नाम असम एनआरसी में नहीं आए, उन्हें डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा: केंद्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता के नाम एनआरसी की सूची में हैं, लेकिन उनके नहीं, उन्हें डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजा जाएगा. शीर्ष अदालत ने नए एनआरसी समन्यवयक के कथित सांप्रदायिक बयानों पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा है.

असम के 33 ज़िलों में 200 अतिरिक्त विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण बनाएगी सरकार

असम में अंतिम एनआरसी 31 अगस्त को जारी की गई थी, जिसमें 19 लाख से ज़्यादा आवेदकों के नाम शामिल नहीं थे. एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं उन्हें अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के 120 दिन के भीतर विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करनी होगी.

एनआरसी से बाहर हुए लोगों से नहीं छिनेगा मताधिकार, नहीं माने जाएंगे डी-वोटर: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार जिन रजिस्टर्ड वोटर का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं आया है, वे डी-वोटर नहीं कहलाएंगे. असम में डाउटफुल या संदिग्ध वोटर उन मतदाताओं की श्रेणी है, जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में होती है.

पहचान और हक़ के लिए लड़ती ‘मिया कविता’

मिया कविता, मिया समुदाय की अस्मिता की लड़ाई है, अपनी भाषा-संस्कृति, अपनी पहचान की लड़ाई है. वे अपनी कविताओं के माध्यम से इस भूखंड पर अपनी पहचान, अपने अस्तित्व और अपने हक़ की मांग कर रहे हैं.