वन संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए 400 से अधिक पारिस्थिकीविदों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में कहा है कि यह सिर्फ़ संशोधन नहीं है, बल्कि एक पूरी तरह से नया अधिनियम है. इसके तहत कथित तौर पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक मंज़ूरियों से छूट दे दी गई है.
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में की इस विस्तार योजना को आदिवासी समुदाय से तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी.