राम मंदिर समारोह में चार पूर्व सीजेआई, 12 से अधिक पूर्व जज और क़ानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए

अयोध्या में बीते 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जेएस खेहर, पूर्व सीजेआई जस्टिस वीएन खरे, पूर्व सीजेआई एनवी रमना और पूर्व सीजेआई यूयू ललित शामिल हुए. इसके अलावा जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा समेत एक दर्जन से अधिक पूर्व न्यायाधीश भी मौजूद थे.

पूर्व जजों का कॉलेजियम की चर्चाओं पर टिप्पणी करना फैशन बन गया है: सुप्रीम कोर्ट

आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की 2018 में हुई एक कॉलेजियम की बैठक का विवरण मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली कुछ ऐसे लोगों के बयानों के आधार पर बेपटरी नहीं की जानी चाहिए जो ‘दूसरों के कामकाज में ज्यादा दिलचस्पी रखते हों.’

यूपी सरकार की तोड़फोड़ पूरी तरह अवैध, मुआवज़ा मिलना चाहिए: हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस

द वायर के साथ बातचीत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में चल रहा है, ऐसा ही चलता रहा तो क़ानून या पुलिस की ज़रूरत ही नहीं रहेगी. जो भी हो रहा है वो मनमाना है.

सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के पूर्व जजों और वकीलों की अपील- यूपी सरकार के ‘दमन’ पर संज्ञान ले अदालत

उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रदर्शनकारियों के कथित 'अवैध निर्माण' को प्रशासन द्वारा तोड़ने की कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए देश के 12 पूर्व न्यायाधीशों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उन्हें आशा है कि अदालत ऐसे महत्वपूर्ण समय में नागरिकों और संविधान को निराश नहीं करेगी.