मोदी सरकार ने फ्रांस के जजों द्वारा रफाल सौदे में भ्रष्टाचार की जांच में बाधा डाली: रिपोर्ट

फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार की रिपोर्ट बताती है कि जुलाई 2023 में भारत में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने आपराधिक मामलों पर भारत के सहयोग में पेश आई चुनौतियों का ज़िक्र किया था. उनका कहना था कि भारत द्वारा कई मामलों को बेहद देरी से और अक्सर आधे-अधूरे तरीके से निपटाया जा रहा है.

फ्रांस: मैक्रों-मोदी को झटका, भारत के साथ हुए रफ़ाल सौदे की जांच के आदेश

पेरिस की वेबसाइट मेदियापार की रिपोर्ट में बताया गया है कि दासो एविएशन ने अनिल अंबानी समूह के साथ पहला समझौता 26 मार्च 2015 को हुआ था. इसके दो हफ्ते बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 126 रफ़ाल विमानों के सौदे को रद्द करते हुए 36 विमानों की खरीद के फ़ैसले की सार्वजनिक घोषणा की थी.

रफ़ाल सौदा: फ्रांस में न्यायिक जांच के आदेश के बाद विपक्ष ने उठाई देश में जांच किए जाने की मांग

रफ़ाल सौदे को लेकर फ्रांस के एक न्यायाधीश को सौंपी गई न्यायिक जांच को लेकर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. फ्रांसीसी इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट मेदियापार ने बीते दो महीनों में इस सौदे से जुड़े संभावित अपराधों को लेकर कई ख़बरें प्रकाशित की थीं, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं.

हेलीकॉप्टर घोटाले का आरोपी था रफ़ाल सौदे का एजेंट, मिला करोड़ों रुपये का कमीशन: फ्रांसीसी मीडिया

पेरिस की इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट मीडियापार्ट के अनुसार, वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी कारोबारी सुषेन गुप्ता के क़रीब दो दशकों से दासो और इसकी पार्टनर थेल्स से व्यापारिक संबंध हैं और रफ़ाल सौदे को लेकर कंपनियों ने गुप्ता को कमीशन के तौर पर करोड़ों रुपये का भुगतान किया था.

रफ़ाल सौदे से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर कांग्रेस ने जांच की मांग की तो भाजपा ने आरोप ख़ारिज किए

कांग्रेस ने रफ़ाल सौदे में एक बिचौलिये को 11 लाख यूरो का भुगतान किए जाने के दावे संबंधी फ्रांसीसी मीडिया की एक ख़बर का हवाला देते हुए सवाल किया, क्या इस मामले की पूरी और स्वतंत्र जांच कराने की ज़रूरत नहीं है? केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कांग्रेस पर सुरक्षा बलों को कमज़ोर करने के प्रयास का आरोप लगाया.

रफ़ाल सौदा: फ्रांस की एंटी-करप्शन संस्था को दासो द्वारा भारतीय बिचौलिए को भुगतान होने का संदेह

पेरिस की इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार, रफ़ाल विमान निर्माता दासो एविएशन एक भी ऐसा दस्तावेज़ उपलब्ध करा पाने में नाकाम रही, जो संदिग्ध भुगतान को जायज़ ठहरा सके. बावजूद इसके फ्रांसीसी भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी द्वारा मामले को अभियोजन के लिए न भेजने का फैसला किया गया.

रफाल का इंजन बनाने वाली कंपनी ने राजनाथ से कहा, कर नियमों से हमें आतंकित न किया जाए

भारतीय वायुसेना ने फ्रांस से खरीदे गये 36 रफाल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला का पहला विमान फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम शहर बरदो के मेरिनियाक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में प्राप्त किया.

रफाल सौदे के बाद फ्रांस सरकार ने अनिल अंबानी के 1100 करोड़ रुपये के टैक्स माफ़ किए: रिपोर्ट

फ्रांसीसी अख़बार ले मोंदे की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में रफाल सौदे की घोषणा के बाद फ्रांस के अधिकारियों ने अनिल अंबानी समूह की एक कंपनी का 143.7 मिलियन यूरो का टैक्स माफ़ किया था.

रफाल सौदे की बातचीत में इतनी रियायतें क्यों दी गईं?

दासो एविएशन से रफाल लेते समय एक ख़रीददार के बतौर भारत काफ़ी मज़बूत स्थिति में था, लेकिन फिर भी कई मुद्दों पर रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 का उल्लंघन करते हुए रियायतें दी गईं.

कैग ने रफाल डील में सरकारी गारंटी के बजाय आश्वासन पत्र के इस्तेमाल पर चिंता जताई

मोदी सरकार द्वारा किए गए सौदे के तहत गारंटी संबंधी प्रावधानों पर चिंता व्यक्त करते हुए कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि क़रार के भंग होने की स्थिति में भारत को पहले पंचाट या मध्यस्थता के ज़रिये सीधे तौर पर विमान के फ्रांसीसी आपूर्तिकर्ताओं के साथ मामले को सुलझाना पड़ेगा.

रफाल सौदे पर कैग ने संसद में पेश की रिपोर्ट, विपक्ष ने कहा- तथ्य छुपाने की कोशिश की गई

बुधवार को संसद में रफाल पर अपनी रिपोर्ट पेश कर कैग ने दावा किया कि या रफाल सौदा यूपीए की डील के मुकाबले 2.86 प्रतिशत सस्ता है. हालांकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल कैग रिपोर्ट की आलोचना कर रहे हैं.

नरेंद्र मोदी द्वारा की गई रफाल डील यूपीए वाली डील से बेहतर नहीं है: रिपोर्ट

रफाल को लेकर मोदी सरकार का दावा है कि नई डील यूपीए सरकार से बेहतर है और इसकी वजह से भारत को विमान जल्दी मिल जाएंगे. हालांकि रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इन दावों पर सहमति नहीं जताई थी.

रफाल सौदे की बातचीत में शामिल होना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता

भारतीय रक्षा पूंजी खरीद की बातचीत में किसी ‘शेरपा’(दूत) की मदद की व्यवस्था छोड़िए, कोई कल्पना भी नहीं की गई है. न ही अंतरसरकारी समझौतों के मामलों में उनकी कोई भूमिका ही सुनिश्चित की गई है.

रफाल सौदे से दो हफ़्ते पहले फ्रांस के रक्षा अधिकारियों से मिले थे अनिल अंबानी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2015 में रफाल सौदे से महज़ 15 दिन पहले अनिल अंबानी फ्रांस के रक्षामंत्री और उनके सलाहकारों से मिले थे. कांग्रेस ने सरकार पर गोपनीयता क़ानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा, 'रक्षा मंत्री और विदेश सचिव नहीं जानते थे लेकिन अंबानी को पता था कि सौदा होने वाला है.’

मोदीजी ही बता सकते हैं कि रफाल सौदे में भ्रष्टाचार होने पर सज़ा न देने की मेहरबानी किसके लिए की

क्या आपने रक्षा ख़रीद की ऐसी कोई डील सुनी है जिसकी शर्तों में से किसी एजेंसी या एजेंट से कमीशन लेने या अनावश्यक प्रभाव डालने पर सज़ा के प्रावधान को हटा दिया जाए? मोदी सरकार की कथित रूप से सबसे पारदर्शी डील में ऐसा ही किया गया है.

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