सीजेआई एनवी रमना की पीठ ने इजरायली स्पायवेयर मामले की जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी याचिकाओं की प्रतियां केंद्र को मुहैया कराएं ताकि अगली सुनवाई में सरकार की ओर से नोटिस स्वीकार करने के लिए कोई मौजूद रहे.
इज़रायल के एनएसओ समूह के पेगासस स्पायवेयर से जासूसी के आरोपों के सामने आने के बाद पहली बार इससे प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता, एसएनएम अब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और कार्यकर्ता इप्सा शताक्षी की ओर से ये याचिकाएं दायर की गई हैं. इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.
हरियाणा और त्रिपुरा के राज्यपाल रह चुके वरिष्ठ भाजपा नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने पेगासस जासूसी मामले में जांच का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र आपसी विश्वास पर टिका है और निजता की सुरक्षा होनी चाहिए. सच क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि फ्रांस की राष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने पुष्टि की है कि इजरायली स्पायवेयर पेगासस के ज़रिये फ्रांस की वेबसाइट मेदियापार के दो पत्रकारों के फोन में घुसपैठ की गई. मेदियापार वही वेबसाइट है, जिसने सबसे पहले फ्रांस में रफाल विमान सौदे की जांच को लेकर खुलासा किया था.