आख़िर ज़मीनी संस्थाएं अपने काम को विस्तार क्यों नहीं दे पा रही हैं?

ज़मीनी संस्थाओं की सफलता में वित्तीय प्रबंधन, नेतृत्व विकास, तकनीक और सरकारी नीतियों की समझ की कमी जैसी अनगिनत बाधाएं हैं.

हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को 609 मदरसों का कोष रोकने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया है, जिसमें कहा गया है कि बिहार में खुलेआम फ़र्ज़ी तरीके से मदरसों का संचालन किया जा रहा है और सरकारी अनुदान भी लिया जा रहा है. अदालत ने सरकार से कथित जाली दस्तावेज़ों के आधार पर 609 मदरसों को अनुदान जारी करने की चल रही जांच को चार सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.

16 क्षेत्रीय दलों ने बिना पैन विवरण के 24.779 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की चंदे से हुई आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई है.

लॉकडाउन: कई वृद्धाश्रमों को चंदा मिलना बंद, बुज़ुर्गों के सिर से छत छिनने का ख़तरा

असहाय बुज़ुर्गों के लिए काम करने वाले ग़ैर लाभकारी संगठन हेल्पएज इंडिया के अनुसार, देश में क़रीब 1500 वृद्धाश्रम हैं, जिनमें क़रीब 70,000 वृद्ध रहते हैं. छोटे और मझोले वृद्धाश्रम परोपकारी नागरिकों और कारोबारी समुदायों से मिलने वाले चंदे पर निर्भर रहते हैं. लॉकडाउन चलते उन्हें चंदा मिलना बंद हो गया है.