बीते सप्ताह एक बैठक में बताया गया कि कुछ सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को लेकर आलोचनात्मक हैं और सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणियां कर रहे हैं, जिसके बाद प्रमुख सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिया कि वे सोशल मीडिया की निगरानी करते हुए ऐसी टिप्पणी करने वाले कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी करें.
जम्मू कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 15 सितंबर को जारी किए गए इन नए नियमों से जम्मू कश्मीर के छह लाख सरकारी कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि यूएपीए और पीएसए का इस्तेमाल असंतोष को दबाने के लिए किया जा रहा है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शीर्ष नौकरशाहों को यह सुनिश्चित करने के लिए तंत्र विकसित करने के लिए कहा है कि 'संदिग्ध व्यक्तियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों' के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंधों वाले व्यक्तियों और फर्मों को कोई सरकारी अनुबंध न मिले.
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 15 वर्ष की आयु से शैक्षणिक विवरण, स्वामित्व वाले या उपयोग किए गए वाहनों की पंजीकरण संख्या, ईमेल और सोशल मीडिया या वेब-आधारित पोर्टल खातों, बैंक और डाकघर खाता संख्या, विदेश यात्राओं (पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर सहित), क़र्ज़ आदि के बारे में भी जानकारी प्रदान करनी होगी.