अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अलग कर केंद्रशासित राज्य लद्दाख बनाए जाने के बाद से इसे पूर्ण राज्य का दर्जा और यहां के निवासियों को ज़मीन और नौकरी की सुरक्षा गारंटी दिए जाने की मांग आए दिन होती रहती है. आमतौर पर लद्दाख के मुस्लिम बहुल कारगिल और बौद्ध बहुल लेह क्षेत्र एक दूसरे से बंटे रहते हैं, लेकिन इस बार लोगों ने एक सुर में क्षेत्र की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में ऐसे बाहरी लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं जो वहां एक निश्चित समय तक रह चुके हैं जबकि लद्दाख में केवल 5 अगस्त, 2019 से पहले के स्थायी निवासियों और लेह व कारगिल ज़िलों में रहने वाले ही अब नॉन-गजेटेड नौकरी के पात्र रहेंगे.