संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार देश में दलित महिलाओं के लिए मृत्यु का जोखिम उचित साफ-सफाई, पानी की कमी और समुचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बढ़ जाता है.
अर्थव्यवस्था और कम वेतन में महिलाओं की भागीदारी के निचले स्तर पर रहने से भारत महिला पुरुष समानता सूचकांक में 21 पायदान फिसलकर बांग्लादेश से भी पीछे आ गया है.
'किसी समाज व शासन की सफलता इस तथ्य से समझी जानी चाहिए कि वहां नारी व प्रकृति कितनी संरक्षित व पोषित है, उन्हें वहां कितना सम्मान मिलता है.'
पितृसत्ता का प्रभाव देश के ज़्यादातर नागरिकों पर ही नहीं, बल्कि सरकार, प्रशासन और न्यायपालिका जैसे संस्थान भी इसके असर से बचे हुए नहीं हैं, जिन पर लैंगिक न्याय स्थापित कराने का दायित्व है.
एक ऐशट्रे है, जिस पर एक निर्वस्त्र स्त्री की आकृति बनी हुई है, इस पर जलती हुई सिगरेट बुझाई जाएगी. क्या यह मानसिकता किसी भी तरीक़े से उस मानसिकता से कम है, जब बलात्कार करके, बलात्कारी उस लड़की की योनि में कांच, पत्थर डाल देते हैं?
बीएचयू के महिला महाविद्यालय की एक छात्रा ने कैंपस में होने वाले लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक सोच के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय महिला आयोग से मदद की अपील की है.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (आठ मार्च) से ठीक पहले महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी अपने एक बयान की वजह से विवादों में घिर गई हैं. उन्होंने लड़कियों के लिए हॉस्टल में समयसीमा तय करने के नियम को उचित ठहराया है.