पटना हाईकोर्ट के सात जजों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनके सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) एकाउंट को क़ानून और न्याय मंत्रालय से प्राप्त राय के आधार पर बिहार के महालेखाकार द्वारा बंद कर दिया गया है, जिससे उनके पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति खड़ी हो गई है.
पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय सूचना आयोग में दिए दो आवेदनों से पता चला है कि कैसे एकाएक उनके करिअर की समाप्ति के बाद से सरकार ने उनकी पिछली सेवा संबंधी पूरी जानकारी को ज़ब्त कर लिया. इसके बाद उनकी पेंशन, चिकित्सा पात्रता और ग्रैच्युटी समेत सभी सेवानिवृत्ति बकाये, यहां तक कि भविष्य निधि भुगतान भी देने से इनकार कर दिया गया.