वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा को लेकर भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाली फास्ट लेन ऑटोमोटिव ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सूचित किए बिना जर्मनी की एक कंपनी मैनसर्व के साथ एक सब-कॉन्ट्रैक्ट किया, जिसमें 'संवेदनशील जानकारी' साझा करने की बात कही गई थी.