छात्र-छात्राओं का आरोप है कि चीफ प्रॉक्टर पिछले साल कैंपस में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर हुए आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार कर रही थीं, जिसके ख़िलाफ़ वे प्रदर्शन कर रहे थे.
सरोजिनी नायडू ने मदन मोहन मालवीय को ‘रुढ़िवादी-प्रगतिशील नेता’ कहा था. संघ परिवार ने अपने एजेंडा के लिए उनके रुढ़िवादी पहलू का तो इस्तेमाल किया, लेकिन उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि उपद्रव की घटना बाहरी लोगों की देन है.