'कल्याण' के 1948 के अंक में महात्मा गांधी के गुज़रने पर कोई श्रद्धांजलि प्रकाशित न करने पर दैनिक जागरण के पत्रकार अनंत विजय के तर्क पर लेखक अक्षय मुकुल का जवाब.
वीडियो: बीते दिनों गोरखपुर की गीता प्रेस को केंद्र सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी. कांग्रेस ने इसे 'सावरकर को पुरस्कृत करने जैसा बताया था. इस बारे में गीता प्रेस का वृहद इतिहास लिखने वाले लेखक अक्षय मुकुल से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
आधुनिक भारत में हिंदू धर्म के संबंध में गांधी जो करने की कोशिश कर रहे थे, गीता प्रेस उसके ठीक उलट लड़ाई लड़ रही थी और लड़ रही है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ‘अहिंसक और गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए अपने उत्कृष्ट योगदान’ के लिए गीता प्रेस का चयन किया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने फैसले की आलोचना करने के लिए कहा कि यह फैसला ‘सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने’ जैसा है.
एक स्त्री निर्देशक जब काली की छवि को अपनी बात कहने के लिए चुनती है तो वह लैंगिक न्याय और स्वतंत्रता में उसकी आस्था का प्रतीक है. क्या इंटरनेट पर आग उगल रहे तमाम ‘आस्थावान’ स्त्री स्वतंत्रता के इस उन्मुक्त चित्रण से भयभीत हो गए हैं? या उन्हें काली की स्वतंत्रता के पक्ष में स्त्रियों का बोलना असहज कर रहा है?