पिछले साल जुलाई में कुछ लोगों ने ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दी थीं, जिसके बाद ऐप बनाने के आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर के ख़िलाफ़ विभिन्न राज्यों में कई एफ़आईआर दर्ज कराई गई थीं. ठाकुर ने उन सभी एफ़आईआर को एक साथ जोड़ने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मांग है कि सरकार इस तरह के महिला द्वेषी और अपमानजनक डिजिटल वातावरण को तोड़ने तथा ख़त्म करने के लिए तत्काल क़दम उठाए और इसमें शामिल दोषियों एवं संस्थाओं की पहचान करने तथा उन्हें दंडित करने के लिए गहन जांच की जाए.