'अगर आप एक नेता हैं और आपकी नज़रों के सामने बड़ी संख्या में लोगों का क़त्ल किया जाता है, तब आप लोगों की ज़िंदगी बचा पाने में नाकाम रहने की जवाबदेही से मुकर नहीं सकते.'
जन गण मन की बात की 296वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी पर आरबीआई की हालिया रिपोर्ट और भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 295वीं कड़ी में विनोद दुआ भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं और राहुल गांधी के 1984 के दंगों को लेकर दिए गए बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
राहुल गांधी की कांग्रेस को सिख दंगों से अलग करने की कोशिश वैसी ही है, जैसी मोदी ने विकास के नारे में गुजरात के दाग़ छुपाकर की थी.
1984 के राजीव गांधी और 1993 के नरसिम्हा राव की तरह वाजपेयी इतिहास में एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किए जाएंगे, जिन्होंने पाठ तो सहिष्णुता का पढ़ाया, मगर बेगुनाह नागरिकों के क़त्लेआम की तरफ़ से आंखें मूंद लीं.
गुजरात दंगों के दौरान आणंद ज़िले के ओडे कस्बे में एक घर में लगाई गई आग में अल्पसंख्यक समुदाय के 23 लोग जलकर मर गए थे. एसआईटी अदालत ने 23 लोगों को सज़ा सुनाई थी.
2002 के गुजरात दंगों में अपनी ज़िंदगी बिखरते देख चुके प्रोफेसर जेएस बंदूकवाला मानते हैं कि भले ही देश भगवाकरण की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद अच्छे भविष्य की उम्मीद फीकी नहीं हुई है.
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को उनके द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में बताने के लिए 6 हफ़्ते समय दिया है.
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ हुई विभागीय कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है.
साक्षात्कार: गुजरात के पूर्व सीएम सुरेश मेहता के अनुसार, मोदी ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ को प्रोपेगेंडा में बदल दिया. बढ़ते क़र्ज़ व स्पष्ट नीतियों के बिना गुजरात रसातल में चला गया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों के पुनर्निमाण एवं मरम्मत के लिए राज्य सरकार को पैसों के भुगतान करने के लिए कहा था.
बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार कांड में चार पुलिसकर्मियों और दो डाक्टरों को सजा सुनाने के खिलाफ की गई अपील सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है.
दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए बिलकिस ने कहा कि इतने सालों में इंसाफ़ की इस लड़ाई के दौरान सरकार से उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला.
बिलकिस बानो को इंसाफ मिल पाया क्योंकि शेष भारत और देश की अन्य संस्थाओं में अभी अराजकता की वह स्थिति नहीं है, जिसे नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में प्रश्रय दिया था. पर अब धीरे-धीरे यह अराजकता प्रादेशिक सीमाओं को तोड़कर राष्ट्रीय होती जा रही है.
गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद में बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों को मार दिया गया था और गर्भवती बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था.