संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बेहद प्रारंभिक पूर्वानुमान है और 10 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों और सूचनाओं पर आधारित है.
वैश्विक बैंकिंग समूह गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत सरकार ने अभी तक आर्थिक संकट को लेकर आक्रामक रवैया नहीं दिखाया है. प्रयासों को तेज करने की जरूरत है.