जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी 'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर' की रिपोर्ट में अगस्त 2021 से जुलाई 2022 के बीच हुए सूबे के उन घटनाक्रमों की बात की गई है जो मानवाधिकार उल्लंघनों की वजह बने. साथ ही, मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के लिए कुछ सिफ़ारिशें भी की गई हैं.
यह याचिका राधा कुमार, हिंदल हैदर तैयबजी, कपिल काक, अशोक कुमार मेहता, अमिताभ पांडे और गोपाल पिल्लई ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि बिना लोगों की इच्छाओं का पता लगाए अनुच्छेद 370 को हटाने का कदम लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों, संघवाद और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.