संसदीय कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों में से इस वर्ष अगस्त तक लोकसभा में 1,005 और राज्यसभा में 636 आश्वासन लंबित हैं. कोई आश्वासन दिए जाने के बाद संबंधित मंत्रालय या विभाग को उसे 3 महीने के अंदर पूरा करना अपेक्षित होता है.