दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली में हर साल औसतन 13,000 मुस्लिमों का अंतिम संस्कार होता है लेकिन 2017 तक मौजूदा क़ब्रिस्तानों में 29,370 लोगों को ही दफ़नाने की जगह बची थी.
‘जन की बात’ की पांचवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ कर रहे है हिंदू-मुस्लिम बिजली, कब्रिस्तान-श्मशान और जोधपुर विश्वविद्यालय में मचे घमासान की चर्चा.