पर्यावरणविदों ने ग्रेट निकोबार द्वीप मेगा प्रोजेक्ट पर एनजीटी के रुख़ को निराशाजनक बताया

ग्रेट निकोबार द्वीप में 72,000 करोड़ रुपये की मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के लिए दी गई वन और पर्यावरण मंज़ूरी में हस्तक्षेप करने से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने इनकार कर दिया है. परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों का कहना है कि यह स्थानीय समुदायों को प्रभावित करेगी और द्वीप की नाज़ुक पारिस्थितिकी एवं जैव विविधता को नुकसान पहुंचाएगी.

पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ग्रेट निकोबार द्वीप पर ‘अवांछित विकास’ रुकवाने को कहा

राष्ट्रपति ने बीते मानवाधिकार दिवस पर पूरे जीव जगत और उनके निवास स्थान का सम्मान करने की बात कही थी. कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के बैनर तले 87 पूर्व सिविल सेवकों ने उन्हें इस कथन की याद दिलाते हुए लिखा है कि आपके ऐसा कहने के बाद भी सरकार देश के प्राचीनतम प्राकृतिक आवासों में से एक को नष्ट करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

अंडमान: 130 वर्ग किलोमीटर से अधिक वन भूमि पर विकास परियोजना को मंज़ूरी, कटेंगे 8.5 लाख पेड़

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने ग्रेट निकोबार द्वीप की करीब 130.75 वर्ग किलोमीटर वन भूमि को एक विकास परियोजना के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी है, जबकि स्वयं मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक़, प्रस्तावित वनों की कटाई से सदाबहार उष्णकटिबंधीय वन प्रभावित होंगे.