गुजरात में ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की संख्या बढ़ रही है: रिपोर्ट

बीते महीने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बच्चूभाई मगनभाई खाबड़ ने बताया था कि गुजरात में कुल 31,61,310 बीपीएल परिवारों की पहचान की गई है. इनमें 16,28,744 परिवार बेहद ग़रीब और 15,32,566 परिवार ग़रीब की श्रेणी में हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में बीपीएल श्रेणी में परिवारों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रही है.

गुजरात: स्कूल में छात्रों द्वारा नमाज़ पढ़ने के विरोध के बाद सरकार ने जांच का आदेश दिया

गुजरात के अहमदाबाद शहर स्थित एक निजी स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम के तहत हिंदू छात्रों को कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने के लिए कहे जाने के बाद हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल ने माफी मांगते हुए कहा है कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल छात्रों को विभिन्न धर्मों की प्रथाओं के बारे में जागरूक करना था.

गुजरात विश्वविद्यालय विधेयक पर विवाद, विपक्ष ने इसे अकादमिक स्वायत्तता का अंत बताया

गुजरात विधानसभा ने बीते 16 सितंबर को विवादास्पद विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के 11 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को इसके दायरे में लाया गया और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कामकाज को नियंत्रित करने वाले विभिन्न क़ानूनों को एकीकृत किया गया. कांग्रेस का आरोप है कि इस क़ानून के कड़े प्रावधान शैक्षणिक स्वतंत्रता एवं विश्वविद्यालय के आंतरिक कामकाज के लिए नुकसानदायक हैं.

गुजरात राज्य विधि आयोग ने हिरासत में मौत के बढ़ते मामलों को बड़ी चिंता का विषय बताया

गुजरात राज्य विधि आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यह बड़ी सार्वजनिक चिंता का विषय है कि गुजरात में हिरासत में मौत की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. यह स्वीकार करने की ज़रूरत है कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह बड़े पैमाने पर उठाया जा रहा है, क्योंकि कई पुलिसकर्मी अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

गुजरात सरकार के विशेष राहत पैकेज को बाढ़ प्रभावितों ने ‘क्रूर मज़ाक’ बताया

इसी महीने में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का पानी ओवरफ्लो हो गया था, जिससे भरूच, नर्मदा, वडोदरा, पंचमहल और दाहोद जिलों में बाढ़ आ गई थी. आरोप है कि बीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन पर उन्हें ‘खुश’ करने के लिए बांध में पानी को दो दिन तक रोककर रखा गया था, जिसे एक साथ छोड़े जाने के कारण बाढ़ आ गई.

गुजरात: ग्रामीणों के दलित व्यक्ति से राशन न लेने पर कलेक्टर ने उनके राशन कार्ड ट्रांसफर किए

घटना गुजरात के पाटन ज़िले में स्थित कानोसन गांव की है, जहां ठाकोर समुदाय का वर्चस्व है. इस गांव को सामाजिक सद्भाव के लिए ‘समरस ग्राम’ का दर्जा प्राप्त है, बावजूद इसके गांव के 436 राशन कार्ड धारक एक दलित व्यक्ति की उचित मूल्य की दुकान से राशन ख़रीदना नहीं चाहते हैं. कलेक्टर ने इन लोगों को पास के गांव से राशन ख़रीदने की अनमुति दे दी है.

गुजरात: प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर नर्मदा का पानी रोकने और एक साथ छोड़ने से बाढ़ आने का आरोप

गुजरात के विपक्षी दलों का आरोप है कि बीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन पर उन्हें ‘खुश’ करने के लिए सरदार सरोवर बांध में नर्मदा नदी के पानी को दो दिन तक रोककर रखा गया था. इसके बाद क़रीब 18 लाख क्यूसेक पानी एक साथ छोड़े जाने के कारण राज्य के पांच ज़िलों में बाढ़ आ गई.

कर्नाटक: ‘ऊंची जाति’ के परिवार ने दलितों की बस्ती में जाने वाली सड़क को बंद किया

कर्नाटक के मांड्या ज़िले का मामला. आरोप है कि ऊंची जाति के एक परिवार ने दलितों के घरों की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया है. ग्रामीणों ने ज़िला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और ऊंची जाति के परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई सड़क को खाली कराने का आग्रह किया है.

गुजरात वन विभाग ने वन्यजीव गलियारों पर इसरो की रिपोर्ट को नज़रअंदाज़ किया: कैग

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा गुजरात विधानसभा में रखी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि इसरो ने 2014 और 2017 में अपने अध्ययन में 12 वन्यजीव गलियारों की पहचान की थी और इसे संभावित गलियारों में आवास सुधार की सिफ़ारिश के साथ वन विभाग के साथ साझा किया था, लेकिन उसने अध्ययन के निष्कर्षों का संज्ञान नहीं लिया.

गुजरात सरकार ने स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग का कोटा बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया

गुजरात विधानसभा ने स्थानीय निकायों में ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के लिए गुजरात स्थानीय प्राधिकरण क़ानून (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया है. विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए राज्य में ओबीसी आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग की है.

गुजरात: बेटी के प्रेम विवाह से नाख़ुश परिवार ने आत्महत्या की कोशिश की, दो लोगों की मौत

गुजरात के अहमदाबाद ज़िले का मामला. ज़िले के ढोलका का रहने वाला परिवार एक साल पहले बेटी के प्रेम विवाह कर लेने से नाराज़ था. उन्होंने अपनी बेटी से नाता तोड़ लिया था. दोनों परिवार दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. आरोप है ​कि बेटी के ससुरालवाले मामले का सुलझाने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे थे.

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