हमें किसी ने ब्रेक नहीं दिया, हम एक-एक सीन टपकते-टपकते इकट्ठा हो गए: पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठी जब बिहार के छोटे से गांव से पटना पहुंचे तो उन्हें डॉक्टर बनना था, लेकिन वह छात्र राजनीति में कूद पड़े. राजनीति से रंगमंच के रास्ते उनका सफर मुंबई तक पहुंच गया है.