केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि ‘लव जिहाद’ शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है. संविधान का अनुच्छेद 25 किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है.
केरल में मुस्लिम युवक से शादी करने के लिए धर्म बदलने वाली हादिया के पिता केएम अशोकन ने उनकी शादी को 'लव जिहाद' बताते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था.
सुप्रीम कोर्ट के कहने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने केरल में कथित लव जिहाद के मामलों की जांच करते हुए 11 अंतरधार्मिक शादियों की पड़ताल की थी. एजेंसी का कहना है कि किसी भी मामले में जबरन धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है.
हादिया ने कहा, मैंने कॉलेज प्रशासन से अपने पति से मिलने की अनुमति मांगी है, आशा करती हूं कि वह इजाज़त देगा.
शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज के डीन को हादिया का संरक्षक नियुक्त किया है और उन्हें किसी परेशानी की स्थिति में न्यायालय आने की छूट प्रदान की है.
हादिया मामले में कोर्ट ने हादिया को पेश करने का आदेश देते हुए पूछा, क्या ऐसा कोई कानून है कि किसी अपराधी के साथ बालिग लड़की प्यार या शादी नहीं कर सकती.
हाईकोर्ट ने अंतरजातीय और अंतर-धार्मिक विवाह को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
नौ अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई. धर्म परिवर्तन के बाद केरल की हादिया के निक़ाह को केरल हाईकोर्ट ने अवैध ठहराया है.