इससे पहले हिंदू दक्षिणपंथी और सिख संगठनों द्वारा ‘हलाल’ शब्द पर आपत्ति के बाद केंद्र सरकार की संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा ‘हलाल’ शब्द को ‘रेड मीट मैनुअल’ से हटा दिया था.
बहुत साल पहले पाकिस्तान की कवियित्री फ़हमीदा रियाज़ ने लिखा था कि 'तुम बिल्कुल हम जैसे निकले, अब तक कहां छुपे थे भाई. वो मूरखता वो घामड़पन, जिसमें हमने सदी गंवाई, आख़िर पहुंची द्वार तुम्हारे... देश के आज के हालात में ये पंक्तियां सच के काफ़ी क़रीब नज़र आती हैं.
उत्पादों के ‘हलाल’ प्रमाणन के ख़िलाफ़ हिंदू दक्षिणपंथी समूहों और सिख संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा था, जिसके बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि-निर्यात संभालने वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने यह क़दम उठाया है. संस्था की ओर से कहा गया है कि इस क़दम के पीछे सरकार का कोई हाथ नहीं है.