193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पेश प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया, जबकि इसके विरोध में 14 वोट पड़े. वहीं, भारत समेत 43 देशों ने मतदान नहीं किया. प्रस्ताव में मांग की गई कि इजरायल बिना किसी देरी के फ़िलस्तीनी क्षेत्र में अपना क़ब्ज़ा ख़त्म करे.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बरता के लोकव्यापीकरण के इस युग में शक्तिशाली देश, जो मिनटों में युद्ध समाप्त करने की सैन्य और राजनयिक क्षमता रखते हैं, चुपचाप विभीषिका देख रहे हैं. सृजनधर्मियों के लिए यह बर्बरता और हिंसा के विरुद्ध आवाज़ उठाकर अपनी पक्षधरता सत्यापित करने का समय है.
दुनिया भर के 1300 से अधिक लेखकों और प्रकाशकों ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें ख्याति प्राप्त फिलीस्तीनी लेखक अदानिया शिबली समेत अन्य उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि कई यूरोपीय देशों में फिलिस्तीनी कला, आवाज़ और कहानियों को आगे लाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के अनुसार, मारे गए पत्रकारों में से 17 फिलिस्तीनी, तीन इज़रायली और एक लेबनानी थे.