भाजपा विधायक हार्दिक पटेल पर आरोप था कि चार नवंबर, 2017 को जामनगर ज़िले में एक कार्यक्रम के लिए अधिकारियों द्वारा जिन शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी, उनका उल्लंघन करते हुए उन्होंने वहां राजनीतिक भाषण दिया था. उसके एक महीने बाद गुजरात विधानसभा चुनाव हुए थे.
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्याग-पत्र में यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. हार्दिक ने कांग्रेस पर गुजरात विरोधी सोच होने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस सिर्फ़ विरोध की राजनीति कर रही है और ख़ुद को एक विकल्प के तौर पर पेश करने में विफल रही है.
कांग्रेस की कार्यशैली से नाख़ुशी ज़ाहिर करने के हफ्तेभर बाद पार्टी नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि वे किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि राज्य इकाई के नेतृत्व से नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी लोगों की आवाज़ नहीं बन सकेगी, उनके हितों को प्राथमिकता नहीं देगी तो वे लोग अन्य विकल्प तलाशना शुरू कर देंगे.
हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन की अगुवाई की थी. पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व पूरी तरह से बेकार काम कर रहा है. गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. सारी स्थिति के बारे में राहुल जी को कई बार बताया, लेकिन कोई निर्णय नहीं होता है. इसलिए ज़्यादा दुख होता है.
साल 2015 में हार्दिक पटेल गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सुर्ख़ियों में आए थे. इस आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर हार्दिक के ख़िलाफ़ राजद्रोह समेत कई केस दर्ज हैं.
गुजरात कांग्रेस के नेता और पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल को 18 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था. पटेल 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में राजद्रोह के मामलों का सामना कर रहे हैं.
अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में 25 अगस्त 2015 को पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद राज्यभर में तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी जिसके बाद अपराध शाखा ने उसी साल अक्टूबर में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था.
द वायर बुलेटिन: आदित्यनाथ के ‘मोदीजी की सेना’ बयान पर पूर्व नौसेना प्रमुख ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हार्दिक पटेल की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें 2015 के गुजरात के विसपुर दंगा मामले में उनकी सज़ा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था.
पाटीदार समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल ने मेहसाणा में आंदोलन किया था, जिसमें हिंसा भड़क गई थी. हार्दिक को हिंसा के एक मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल क़ैद की सज़ा मिली थी.
गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा में प्रियंका गांधी ने कहा कि आने वाले दो महीनों में आपके सामने तमाम मुद्दे उछाले जाएंगे, आपकी जागरूकता ही इस देश को बनाएगी. ये आपकी ज़िम्मेदारी है.
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस में शामिल होने की पुष्टि की. चुनाव मैदान में उतरने की बात पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला कांग्रेस नेतृत्व करेगा.
मोदी सरकार का पिछले साढ़े चार साल का अनुभव यह बताने के लिए काफ़ी है कि एक नेता या एक वर्चस्वशाली पार्टी के इर्द-गिर्द बनी सरकारें घमंडी और अक्खड़ जैसा व्यवहार करने लगती हैं और आलोचनाओं को लेकर कठोर हो जाती हैं.
कोलकाता में विपक्ष की यूनाइटेड इंडिया रैली में एकजुट नज़र आए विपक्ष के नेताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा के ख़िलाफ़ भरी हुंकार. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी 2019 में चुनाव जीतती है तो संविधान बदल देगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को मिलकर लड़ना होगा.
पाटीदार समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर साल 2015 में हार्दिक पटेल ने मेहसाणा में आंदोलन किया था. हार्दिक को भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ और दंगा भड़काने के मामले में सज़ा मिली है.