खनन नीलामी के विरोध में कोल इंडिया के मज़दूर संगठनों की तीन दिवसीय हड़ताल शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 18 जून को 41 कोयला ब्लॉक के वाणिज्यिक खनन को लेकर नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की थी. इस क़दम के साथ देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया है.

कोयला खदानों की नीलामी के केंद्र के फैसले के ख़िलाफ़ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

केंद्र सरकार ने कोयला खदानों को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि खदानों की नीलामी प्रक्रिया में केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को विश्वास में ज़रूरत थी. खनन से जंगल और आदिवासी जनसंख्या प्रभावित होगी.

कोयला खदानों की नीलामी के ख़िलाफ़ आए श्रमिक संगठन, देशव्यापी हड़ताल का फ़ैसला लिया

कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोले जाने के सरकार के फैसले के विरोध में कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के श्रमिक संगठनों ने दो जुलाई से तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.1

विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री ने 41 कोयला खदानों में खनन की नीलामी प्रक्रिया शुरू की

मोदी सरकार के इस क़दम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत होना देश के कोयला क्षेत्र को ‘दशकों के लॉकडाउन’ से बाहर निकालने जैसा है. हालांकि इन कोयला खदानों के समीप रहने वाले लोगों ने कहा है कि इससे उनका अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा.

छत्तीसगढ़: हसदेव अरण्य में खनन शुरू करने के ख़िलाफ़ नौ सरपंचों ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी

हसदेव अरण्य क्षेत्र के सरपंचों ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के भाषण को याद दिलाते हुए कहा कि यहां का समुदाय पूर्णतया जंगल पर आश्रित है, जिसके विनाश से यहां के लोगों का पूरा अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा.

छत्तीसगढ़: कॉरपोरेट से जंगल और ज़मीन बचाने के लिए आदिवासियों की जद्दोजहद

बीते 14 अक्टूबर से राज्य के सरगुजा, सूरजपुर और कोरबा ज़िले के बीस से ज़्यादा गांवों के आदिवासी हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान खोले जाने के ख़िलाफ़ धरना दे रहे हैं. उनका आरोप है कि कोल ब्लॉक के लिए पेसा क़ानून और पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों की अनदेखी की गई है.

केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 170,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र में खनन को मंजूरी दी

छत्तीसगढ़ के परसा हसदेव अरंद खदान की क्षमता पांच मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है और इसका संचालन राजस्थान कोलिरीज लिमिटेड करती है. यह अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड की इकाई है.