दिलचस्प है कि एक केंद्रीय मंत्री (अर्जुन राम मेघवाल), जो एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए एक बुनियादी मानवधिकार, समलैंगिक सेक्स को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के ख़िलाफ़ थे, को ऐसे समय में क़ानून मंत्री बनाया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह को वैध बनाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.
आरोप है कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के एक होटल में पार्टी करके रात में लौट रहे ट्रांसजेंडर समुदाय के चार लोगों को कुछ पुलिसकर्मियों और एक पत्रकार ने रास्ते में रोककर उन्हें एक महिला पुलिस स्टेशन ले गए थे, जहां उन्हें जबरन निर्वस्त्र कराया गया.