सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा और इसे लेकर राज्य पुलिस की कथित मिलीभगत की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी. याचिका में कहा गया है कि घटनाओं की गंभीरता के बावजूद पुलिस द्वारा उपद्रवियों के ख़िलाफ़ कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया. उन लोगों में से किसी को गिरफ़्तार नहीं किया, जो मस्जिदों या दुकानों में तोड़फोड़ करने और मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले भाषण देने के लिए ज़िम्मेदार
देश में ईसाइयों पर अत्याचार की घटनाओं पर निगरानी रखने वाले मानवाधिकार संगठनों ने हिंदुत्व समूहों द्वारा ईसाइयों पर की गई हिंसा का दस्तावेज़ीकरण करते हुए एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि 21 राज्यों, विशेष रूप से उत्तर भारत में 2021 के शुरुआती नौ महीनों में इस तरह के तीन सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.