दिल्ली में हुए धर्म संसद में कथित तौर पर नफ़रत भरे भाषण देने संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटना 19 दिसंबर 2021 को हुई थी और एफ़आईआर पांच महीने बाद दर्ज की गई. इतना समय क्यों लगा? ऐसे मामलों में आरोपियों के ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए और केवल ‘नाम’ के लिए एफ़आईआर दर्ज नहीं की जानी चाहिए.