केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि पांच राज्यों- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर में टीके की ख़ुराक की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 6.5 प्रतिशत से अधिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 टीके क्यों बर्बाद हो रहे हैं, इसकी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि 1 से 15 मार्च के बीच 17 राज्यों के 55 ज़िलों में 100-150 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए तीव्र और निर्णायक क़दम उठाने का आह्वान किया है.
पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव ने टीका लगवाने में हिचक के लिए ग़लत सूचना के प्रसार, इसे लेकर लोगों में स्थिति स्पष्ट न होने और कोरोना मामलों में गिरावट की वजह से बेसब्री ख़त्म होने को प्रमुख कारण बताया है. राव ने नियामक से टीके को लेकर उपयुक्त डाटा साझा करने और अभियान में निजी क्षेत्र को जोड़ने की वकालत भी की है.
कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब तीन करोड़ है. इसके बाद 50 साल की उम्र से अधिक और 50 साल से कम उम्र के वे समूह, जिनकी कोई कोमॉर्बिड अवस्था है, को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब 27 करोड़ है.
दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है. भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है. केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक ने यह मंज़ूरी दी है.
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के फेज़-3 ट्रायल को लेकर जानकारियां साझा करते हुए जारी किए एक दस्तावेज़ में वॉलेंटियर्स को लुभाने के लिए कहा है कि सरकार द्वारा टीका लगाने में अभी देर होगी, इसलिए लोग ट्रायल में शामिल होकर ख़ुद को सुरक्षित कर लें. विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह का दावा करना अनुचित है.
अंतरराष्ट्रीय दवा निर्माता कंपनी फाइज़र के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने देश में कोरोना वायरस से संबंधित टीके के इस्तेमाल की मंज़ूरी मांगी थी. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के विशेषज्ञों की एक समिति ने इन कंपनियों से संभावित टीके के परीक्षण से संबंधित और अधिक जानकारी मांगी है.
जिस तरह कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन पर मोदी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी, उसी तरह टीकाकरण पर भी उसके पास कोई मुकम्मल रोडमैप नहीं है.
कोरोना वायरस को लेकर पूरी आबादी के टीकाकरण से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महत्वपूर्ण ये है कि इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारी ली जाए. आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि यह सवाल वैक्सीन की प्रभावशीलता पर निर्भर करेगा. अभी हमारा उद्देश्य संक्रमण के प्रसार की शृंखला को तोड़ना है.