इस हफ़्ते की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मीडिया कोरोना वायरस संबंधी कोई भी जानकारी छापने या दिखाने से पहले सरकार से इसकी पुष्टि कराए. इसके बाद अदालत ने मीडिया को निर्देश दिया कि वे ख़बरें चलाने से पहले उस घटना पर आधिकारिक बयान लें.
यूरोप में कोरोना वायरस के तकरीबन 508,271 मामले दर्ज किए गए हैं और 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में मरने वालों की संख्या 56 हुई. संक्रमित लोगों की संख्या दो हज़ार के पार पहुंची.
सरकार से पुष्टि के बाद कोरोना वायरस से संबंधित ख़बरें मीडिया द्वारा चलाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अलग-अलग मायने निकले जा सकते हैं. हो सकता है कि केंद्र इसे मीडिया सेंसरशिप के लिए इस्तेमाल करने लगे या मीडिया सेल्फ सेंसरशिप करने लगे. अगर ऐसा होता है तो यह अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए गंभीर ख़तरा होगा.
इन दिनों कहा जा रहा है- हाथ धोएं, घरों तक सीमित रहें, सामाजिक दूरी बनाए रखें. यह सारे कदम ज़रूरी हैं, मगर सरकार की अपनी ज़िम्मेदारी का क्या? मिसाल के तौर पर अगर स्वास्थ्य प्रणाली मज़बूत नहीं रखी तो फिर तमाम ध्यान रखने के बावजूद जिन्हें संक्रमण हो जाएं उनके बड़े हिस्से के लिए मरने के अलावा कोई चारा नहीं है.
बीते मंगलवार को केंद्र सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया से कहा था कि वह सरकार से पुष्टि के बाद ही कोरोना वायरस से संबंधित खबरें चलाए.
अस्पताल प्रशासन ने कहा है डॉक्टरों एवं नर्सों का इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया जाएगा और उनके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जाएगी.
इस महामारी से इटली में 13 हज़ार और स्पेन में नौ हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर तक़रीबन दो हज़ार हो गए हैं, जबकि विश्व में तक़रीबन 9.5 लाख लोग इसके संक्रमण से पीड़ित हैं.
प्रवासी मज़दूरों का सामूहिक पलायन भुखमरी के तात्कालिक भय से कहीं ज़्यादा, ग़रीब हिंदुस्तानियों के सामूहिक अवचेतन में सदियों से बैठी इस धारणा का प्रमाण है कि उन्हें सत्ता, उसकी व्यवस्था और समाज के संपन्न वर्ग से कभी कोई आशा नहीं करनी चाहिए और यह कि 'अंत में ग़रीब की कोई नहीं सुनेगा.'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़कर 1637 हो गए हैं, जबकि इस महामारी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या 38 हो गई है.
कोरोना वायरस से संक्रमित उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के 25 साल के युवक की सोमवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में मौत हो गई थी. वहीं, 72 वर्षीय एक व्यक्ति की बुधवार को मेरठ मेडिकल कालेज में मौत हो गई.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश दिए जाने की मांग की थी कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए सिस्टम से कोरोना वायरस पर तथ्यों की पुष्टि किए बिना कोई भी मीडिया प्रतिष्ठान किसी खबर का प्रकाशन अथवा प्रसारण न करे.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि प्रवासी मजदूरों को दहशत से उबरने में मदद करने के लिए प्रशिक्षित परामर्शदताओं और सभी धर्मों के नेताओं की मदद ली जाए.
एंबुलेंस कर्मचारी संघ का आरोप है कि उन्हें कोरोना वायरस महामारी के दौरान सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें जनवरी से वेतन भी नहीं मिला है.
बीते 28 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर ने दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य मेडिकल निदेशक को भेजे एक ईमेल में कहा कि लॉकडाउन के चलते सुरक्षा उपकरण पहुंचने में 25 से 30 दिन का समय लग सकता है.
दिल्ली में निज़ामुद्दीन पश्चिम इलाके के एक मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक हुई धार्मिक सभा में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है. सेना और दिल्ली पुलिस ने निज़ामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी की. सभा में शामिल 153 लोग एलएनजेपी में भर्ती. राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के मामले बढ़कर 97 हो गए हैं.