त्रिपुरा के लगभग 700 स्नातक शिक्षकों ने 2017 और 2020 के उनके बर्ख़ास्तगी आदेशों को असंवैधानिक बताते हुए याचिका में कहा है कि शिक्षकों के परिवार गंभीर स्थिति है. बर्ख़ास्त किए गए 160 से अधिक शिक्षकों की मृत्यु हो गई है, उनमें से कई ने बुनियादी जीविका की सुविधाओं के अभाव के कारण आत्महत्या की.
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे कारबोंग समुदाय के क्षेत्रों का दौरा करें और उनके जरूरतों का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. त्रिपुरा में रहने वाले विभिन्न जनजातीय समुदायों में से चाईमल या चैमार, बोंग्चर, बोंग और कोरबोंग जैसे कुछ समुदायों की आबादी काफी कम है.