राज्यसभा में शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक लिखित जवाब में बताया कि 31 अक्टूबर तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 5,182 शैक्षणिक पद रिक्त थे.
संस्कृत को एक विशेष धर्म या संस्कृति के ‘मूल्यों’ की वाहक बना दिया गया है. उसका मूल उद्देश्य ज्ञान का प्रसार नहीं, लोगों को राष्ट्रवादी और संस्कारी बनाने का है. एक विशेष प्रकार की नैतिकता के बोझ से दबी बेचारी संस्कृत किस तरह विद्यार्थियों को आकर्षित करे?
देश के विश्वविद्यालय ख़ासकर केंद्रीय विश्वविद्यालय एक प्रकार से केंद्र सरकार के ‘विस्तारित कार्यालय’ में तब्दील कर दिए गए हैं. कोई भी अकादमिक विभाग बिना प्रशासन की ‘छन्नी’ से गुजरे किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं कर सकता.
ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पाठ्यक्रम तैयार करने वाले भारतीय ज्ञान प्रणाली के नाम पर अपनी संकीर्ण समझ को हवा दे रहे हैं. ऐसे पाठ्यक्रमों की अधिकांश सामग्री संदिग्ध इंटरनेट साइटों पर मिलने वाली सामग्रियों से प्रेरित है.
वीडियो: बीते कुछ समय में कई राज्यों में विभिन्न पेपर लीक हुए हैं और अलग-अलग सरकारी भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं. यह मुद्दे युवाओं को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं, इस बारे में द वायर हिंदी के पत्रकार अंकित राज और दिल्ली यूनिवर्सिटी की शिक्षक डॉ. माया जॉन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
यह मामला बीते सप्ताह गुवाहाटी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र संघ ने उठाया था. छात्रों ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय में एक ऐसा रैकेट सक्रिय है, जो बड़ी रकम के बदले मार्कशीट में अंक बढ़ाने का काम करता है.
19 जून की रात शिक्षा मंत्रालय ने इसी सप्ताह हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को 'शुचिता से संभावित समझौते' का हवाला देते हुए रद्द कर दिया. इस परीक्षा का ज़िम्मा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर है, जो पहले से ही नीट-यूजी में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर सवालों के घेरे में है.
मुट्ठी भर छात्रों की दोबारा परीक्षा को 24 लाख बच्चों के भीतर पैदा हुए संदेह का समाधान नहीं माना जा सकता. दोबारा परीक्षा कराना शायद व्यावहारिक न हो, लेकिन यही एकमात्र तरीका है कि हम इन अभ्यर्थियों को यह विश्वास दिला सकें कि देश उनकी मेहनत, लगन और ईमानदारी की इज़्ज़त करता है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट-यूजी का पेपर लीक होने के आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन बिहार पुलिस की जांच पेपर लीक के संकेत देती है. परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर इस जांच को बाधित करने का आरोप है.
उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में एबीवीपी सदस्यों का हिंदी के अध्यापक डॉ. हिमांशु पंड्या की कक्षा में जबरन घुसकर हंगामा और उन्हें अपमानित कर परिसर से बाहर जाने को मजबूर करने की घटना केवल यह बताती है कि शिक्षक किस हिंसक माहौल में काम कर रहे हैं.
चुनाव की ज़िम्मेदारी कुछेक दिन तक सीमित नहीं होती. चुनाव प्रक्रिया में शिक्षकों की भागीदारी दो से तीन महीने या उससे भी अधिक अवधि की हो सकती है, जिसकी वजह से कक्षाएं लंबे समय तक बाधित रहती हैं.
जेएनयू के नौजवानों ने छात्रसंघ चुनाव के नतीजों में दिखा दिया है कि सत्ता प्रतिष्ठान और हिंदुत्व के आक्रमण के बावजूद वह वैचारिक मज़बूती के साथ खड़ा हुआ है.
क्या भाजपा सरकार 'योग्य उम्मीदवार' न मिलने का बहाना बनाकर रफ़्ता-रफ़्ता इस संविधानप्रदत्त अधिकार को ख़ारिज करने की योजना बना रही है?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्षों के भीतर भारतीय भाषाओं में हर पाठ्यक्रम के लिए अध्ययन सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह क़दम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के क्रम में है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में इस प्लेसमेंट सीजन में छात्र नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आईआईएम कोझिकोड के निदेशक ने कहा कि प्लेसमेंट में आ रही मंदी हर किसी को प्रभावित करेगी, लेकिन अलग-अलग अनुपात में.