बकाया वेतन को लेकर सोमवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के संघ ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों समेत सभी चिकित्सकों का सोमवार तक वेतन जारी न होने पर मंगलवार से सभी वरिष्ठ चिकित्सक अनिश्चितकाल के लिए पूर्ण हड़ताल पर जाएंगे.
कोरोना वायरस के समय में उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिला है, जिसके बाद डॉक्टरों ने ये कदम उठाया है. उनका कहना है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं, क्योंकि मौखिक आश्वासन से खाना नहीं मिल सकता.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों के चिकित्सकों के लंबित वेतन को लेकर नगर निगम डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 19 अक्टूबर से उनके सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टर पिछले जून महीने से वेतन न मिलने की वजह से हड़ताल पर हैं. बीते 14 जून को बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड-19 निर्दिष्ट अस्पताल घोषित किया गया था.
दिल्ली नगर निगम के कई अस्पतालों में कई महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. नगर निगम का कहना है कि सरकार उन्हें फंड जारी नहीं कर रही है जबकि राज्य सरकार का कहना है कि वह बकाया दे चुकी है.
उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को बीते जून महीने से वेतन नहीं मिला है. शुक्रवार को उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर 48 घंटे में उनका वेतन जारी नहीं किया गया तो कोरोना वार्ड में ड्यूटी नहीं करेंगे.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी) के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को आख़िरी बार जून महीने में वेतन दिया गया था. सोमवार से शुरू ऑनलाइन कैंपेन के जरिये डॉक्टर लंबित वेतन जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं.
हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि देरी से वेतन देना नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में चलन बन गया है. बीते कुछ समय में हिंदू राव के अलावा नॉर्थ एमसीडी के राजन बाबू टीबी अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल में तनख़्वाह में देरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं.
नॉर्थ एमसीडी के हिंदू राव और कस्तूरबा अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स को वेतन न मिलने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब वकील अदालत में आकर कहते हैं कि उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान पैसा चाहिए तो डॉक्टर, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें भी तो वेतन चाहिए.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल की एक नर्स का कहना है, 'बीते कई सालों से समय पर तनख़्वाह नहीं आती थी, इस बार तीन महीनों से नहीं मिली है. अगर हमें सैलरी ही नहीं मिलती है, तो हम अपनी जान जोखिम में क्यों डाल रहे हैं?'
मृतक हिंदू राव अस्पताल में बतौर वॉर्ड ब्वॉय काम करते थे, जिन्हें खांसी और सांस लेने में दिक्कत के बाद 26 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 27 जून को वे कोरोना संक्रमित पाए गए और अगले दिन किडनी फेल होने के बाद उनकी मौत हो गई.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल की नर्सों, लैब तकनीशियनों और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने तीन महीने का वेतन नहीं मिलने पर धरना दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले सप्ताह तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपनी सेवाएं समाप्त कर देंगे.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिलने की शिकायतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले क़रीब 3,000 डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टरों के विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुके हैं.