के. रामाराव, जो मानते थे कि पत्रकारों को हमेशा सरकार के विरोध में रहना चाहिए

विशेष: नेशनल हेराल्ड अख़बार के संस्थापक संपादक र​हे के. रामाराव ने लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए लड़ रहीं ताक़तों के समर्थन की अपनी प्रतिबद्धता से कभी समझौता नहीं किया.

गोदी मीडिया के दौर में गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता को याद किया जाना चाहिए

गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता के ज़रिये ब्रिटिश शासन के साथ-साथ देसी सामंतों को भी निशाने पर लेते थे. उनका दफ़्तर क्रांतिकारियों की शरणस्थली था तो युवाओं के लिए पत्रकारिता का प्रशिक्षण केंद्र.