वीडियो: हिट एंड रन मामलों में एक नए दंड प्रावधान के ख़िलाफ़ ट्रक ड्राइवरों के राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने बीते 2 जनवरी को ट्रांसपोर्टरों को आश्वासन दिया था कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत ऐसे मामलों में कड़े प्रावधानों को लागू करने का निर्णय अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.
हिट एंड रन मामलों में एक नए दंड प्रावधान के ख़िलाफ़ ट्रक ड्राइवरों के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र ने उन्हें आश्वासन दिया कि भारतीय न्याय संहिता के तहत ऐसे मामलों में कड़े प्रावधानों को लागू करने का निर्णय अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों को लेकर 10 साल की सज़ा और 7 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जिसके ख़िलाफ़ देशभर के ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते विभिन्न राज्यों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि दुर्घटना करने वाले वाहन का बीमा नहीं होने की स्थिति में भी सड़क हादसों के पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए अब एक योजना है. केंद्र ने अदालत से इस बदलाव को पूरे देश में लागू करने के लिए छह महीने का समय देने का आग्रह किया. अदालत ने क़ानूनी प्रावधानों को छह महीने में लागू करने का निर्देश दिया है.