अमेरिका के मैसाचुसेट्स की डिजिटल फॉरेंसिक कंपनी आर्सेनल कंसल्टिंग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट बताती है कि एल्गार परिषद मामले में हिरासत में लिए गए 16 लोगों में से एक वकील सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्यूटर को 16 फरवरी 2016 से हैक किया जा रहा था. दो साल बाद उन्हें छह अप्रैल 2018 को गिरफ़्तार किया गया था.