सच्चर कमेटी के अध्यक्ष रहे पूर्व मुख्य न्याया​धीश राजिंदर सच्चर का निधन

संप्रग सरकार ने 2005 में राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में मुस्लिमों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दशा का पता लगाने के लिए सच्चर कमेटी बनाई थी.

क़ैदियों के भी मानवाधिकार हैं, उन्हें पशुओं की तरह जेल में नहीं रखा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

देश की कई जेलों में निर्धारित संख्या से छह गुना अधिक क़ैदी रखे जाने पर शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर उन्हें सही से नहीं रख सकते हैं तो उन्हें रिहा कर देना चाहिए.

पाकिस्तानी सेना की मुखर आलोचक रहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता अस्मां जहांगीर का निधन

जनवरी 1952 में लाहौर में जन्मीं अस्मां ने ‘पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग’ की स्थापना की और उसकी अध्यक्षता भी संभाली. वे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं.

क्या ‘जूठन’ पाठ्यक्रमों से बाहर कर दी जाएगी?

हिमाचल विश्वविद्यालय में ओम प्रकाश वाल्मीकि की ‘जूठन’ बीते 3 सालों से पढ़ाई जा रही थी, तब भावनाएं अचानक कहां से आहत हो गईं? क्या इसका ताल्लुक़ राज्य में हुए हालिया सत्ता परिवर्तन से है?

चीन के थियानमेन चौक पर हुए नरसंहार में 10,000 आम लोग मारे गए थे: ब्रिटिश दस्तावेज़

थियानमेन चौक नरसंहार के 28 साल से भी ज़्यादा समय बाद यह दस्तावेज़ सार्वजनिक किया गया. यह दस्तावेज़ ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्ज़ में पाया गया.

न्यायपालिका अपने अधिकार क्षेत्र से परे जा चुकी है, उसे लक्ष्मण रेखा खींचनी होगी: रोहतगी

पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग दोनों स्तंभों के बीच टकराव की एक बड़ी वजह है.

‘कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच खींचतान लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है’

सरकार का तर्क-अदालतें कार्यपालिका का काम नहीं कर सकतीं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा- कोई भी संस्था सर्वोच्चता का दावा नहीं कर सकती, नागरिक अधिकार सर्वोच्च.

भारत में आज़ादी, शोषित वर्ग अधिकार और सुरक्षा ख़तरे में हैं: तीस्ता सीतलवाड़

सिटीज़न फॉर जस्टिस एंड पीस की संस्थापक तीस्ता सीतलवाड़ का कहना है कि उनका संगठन आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के साथ कानूनी संसाधन प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करेगा.

क्या रोहिंग्याओं के लिए उम्मीद नाम का कोई कोना बचा हुआ है?

दुनिया ने रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ सहानुभूति में इतनी कंजूसी दिखाई है कि सहानुभूति की कोई भी अपील ईश्वर की आवाज़ की तरह सुनाई देती है.

चौरासी दलित सांसद होने पर भी दलितों की सुनवाई नहीं होती: मार्टिन मैकवान

साल 2047 तक छुआछूत मिटाने को लेकर शुरू हुए अभियान पर मानवाधिकार कार्यकर्ता और गुजरात के नवसर्जन ट्रस्ट के संस्थापक मार्टिन मैकवान से अजय आशीर्वाद की बातचीत.

किसी से सिर पर मैला ढोने का काम न लें सरकारें: मद्रास उच्च न्यायालय

अदालत ने कहा, नालों और सेप्टिक टैंकों की नुकसानदेह सफाई के लिए रोज़गार या ऐसे कामों के लिए लोगों की सेवाएं लेने पर प्रतिबंध है.

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