'हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान' के नारे के ज़रिये हिंदी का प्रभुत्व और दबदबा बनाने की बात बहुत हुई, लेकिन इससे हिंदी को कुछ भी ठोस नहीं मिला है.
केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति और भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों से आने वाले छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए दी जाने वाली राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना में बिना किसी से सलाह-मशविरे और उससे लाभांवित तबकों की राय जाने बिना किए गए विषय संबंधी बदलाव बहुसंख्यकवादी असुरक्षा का नतीजा हैं.