हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.
बीते 27 नवंबर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की चार युवकों ने बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी.
महिलाओं की सुरक्षा की चिंता और उनको हिंसा, बलात्कार आदि से बचाने को लेकर कड़े क़ानून बनाने का नेताओं का आश्वासन उनके दिए महिला-विरोधी बयानों के बरक्स बौना नज़र आता है.
भारत जैसे देश में, जहां बलात्कार के मामलों में अदालत की सुनवाई आरोपी के बजाय पीड़ित के लिए ज्यादा मुश्किल भरी होती हैं, वहां कुछ चर्चित मामलों में सज़ा कड़ी कर देने से किसी और को ऐसा करने से रोकना मुश्किल है. ऐसे अधिकतर मामले या तो अदालतों की फाइलों में दबे पड़े हैं या सबूतों के अभाव में ख़ारिज कर दिए जाते हैं.
हैदराबाद में हुए महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मीडिया संस्थानों द्वारा पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर दिल्ली के एक वकील ने याचिका दायर की है. गृह मंत्रालय के निर्देश हैं कि बिना अदालत की अनुमति के किसी भी स्थिति में पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया जा सकता.
27 नवंबर की रात को काम से लौट रहीं एक महिला डॉक्टर को मदद का झांसा देकर उनका अपहरण कर बलात्कार किया गया. अगली सुबह उनका अधजला शव पास के फ्लाईओवर के नीचे से बरामद हुआ. मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.