रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के सामने आए वित्तीय संकट की मुख्य वजह इसके सबसे बड़े ख़रीददार भारतीय वायुसेना द्वारा तक़रीबन दस हज़ार करोड़ रुपये का बकाया न चुकाना है.
चुनावों को मद्देनज़र राजनीतिक दल लोकप्रिय, त्वरित और दिखने में प्रभावशाली परिणाम चाहते हैं. लेकिन सेना के नेतृत्व को वो नहीं करना चाहिए, जो कोई सत्ताधारी पार्टी चाहती है.
आरटीआई से मिली जानकारी. नोटबंदी के बाद नए नोटों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना के अत्याधुनिक परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस का इस्तेमाल किया गया था.
वहीं लोकसभा में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने सेना में 52 हज़ार सैनिकों की कमी बताई है.